प्रदीप शर्मा
कोरोनावायरस का कहर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी बढ़ता जा रहा है। देश में इस खतरनाक वायरस से अब तक कुल लगभग 2639 मामले आ चुके हैं। इस बीमारी से 192 लोग ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है कुल 55 विदेशी भी इस बीमारी से पीड़ित हैं। अब तक 56 ने कोरोना से जान गंवाई है। इस बीमारी के इलाज में देश भर में कई डॉक्टर भी चपेट में आ चुके हैं और कई जगहों पर इस कोरोना वायरस से जूझ रहे इन ‘योद्धाओं’ के पास उचित दस्ताने, मॉस्क और खुद के बचाव के लिए जरूरी किट नहीं है. दूसरी ओर जो सबसे अहम बात सामने आ रही है कि इस बीमारी के संक्रमित जल्द से जल्द हो सके क्योंकि सभी एक्सपर्ट का कहना है कि जितनी जल्दी जांच होगी इस बीमारी को रोकने में उतना ही कम वक्त लगेगा. लेकिन देश में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही जांच करने वाली लैबों पर दबाव भी बढ़ रहा है. इस बीच कई लोगों ने देश में ही ऐसी जांच किट बनाने लेने का दावा किया है जल्द परिणाम दे सकती हैं. लेकिन इन किटों को अस्पतालों में उपलब्ध करा दिया गया और या अभी कराया जाएगा इस पर कोई ठोस सूचना नहीं मिल पा रही है।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से लाइट बंद कर दीया जलाने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा,” हम पांच अप्रैल रविवार को रात 9 बजे अपने घरों की लाइट बंद कर के नौ मिनट तक घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर मोमबत्ती या मोबाइल की लाइट जलाए। देश की जनता आप की कही हुई बाते बहुत गंभीरता से लेती है इसीलिए ही तो रविवार 22 मार्च को शाम 5 बजे आप के ही तो कहने पर थाली, मंजीरे, घंटे और शंख जनता ने बजाये थे। घंटे बजाना या लाइट बंद कर मोमबत्ती जलाना तो जनता करेगी ही पर आज देश की जनता के मन में कोरोना को लेकर कई सवाल है जोकि अपने प्रधानमंत्री से जनता जानना चाहती है।
पहला सवाल – दुनिया में कोरोना वैक्सीन की बनाने के लिए होड़ मची हुई है. कुछ देशों में इसका क्लीनिकल ट्रायल भी शुरू हो गया है. भारत में भी इस पर कई वैज्ञानिकों ने दावे किए हैं लेकिन इस पर सरकार की ओर से भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है कि भारत अपनी खुद वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहा है या इसे भी विदेशों से ही खरीदने की तैयारी है. कम से कम प्रधानमंत्री को इस बारे में खुद जानकारी देनी चाहिए थी।
दूसरा सवाल – इस बीमारी से पहले मोर्चे पर लड़ाई रहे डॉक्टर और नर्स भी इस खतरे से दूर नहीं है. कई डॉक्टर इसकी चपेट में आ चुके हैं. इस समय इनकी सुरक्षा भी बहुत जरूरी है. कई जगहों से खबरें आ रही हैं इन लोगों के बीच जरूरी दस्ताने और मॉस्क उपलब्ध नहीं हैं. पीएम मोदी को देश को इस मुद्दे पर भी आश्वासन देना चाहिए कि सरकार इस दिशा में क्या काम रही है।
तीसरा सवाल – कोरोनावायरस के उपचार के लिए वेंटीलेटर बहुत महत्वपूर्ण है प्रधानमंत्री जी कृपया बताये देश की जनता को कि भारत में कितने वेंटिलेटर्स उपलब्ध है, और क्या भारत में ऐसे शहर भी हैं जहां वेटेंलेटर अभी तक उपलब्ध नही हैं. पीएम मोदी को इस बात की भी जानकारी देनी चाहिए कि इस दिशा में क्या काम हो रहा है।
चौथा सवाल – 9 दिन के लॉकडाउन के अलावा सरकार और क्या कदम उठा रही है. इस दौरान भी मरीजों की संख्या बढ़ी है. क्या सरकार ने मरीजों के बढ़ते ग्राफ का कुछ विश्लेषण किया है या नहीं और उसके नतीजे में और क्या कदम उठाने की तैयारी है।
पांचवा सवाल – जिन संदिग्ध मरीज को क्वारंटाइन में रखा गया है उनकी क्या देखभाल हो रही है. क्योंकि कुछ मरीजों के फरार होने की खबरे आई है. अगर ऐसे मरीजों ने दूसरों को संक्रमित कर दिया तो बड़ी मुसीबत हो जाएगी. दूसरी ओर जो लोग शहरों से छोड़कर गांवों में आए हैं उन पर कैसे नजर रखी जा रही है. इस पर भी पीएम मोदी को ठोस जानकारी देनी चाहिए।
छठा सवाल – जिन लोगों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया है उनमें से आज भी कई ऐसे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी योजना में नहीं है. ऐसे लोगों के लिए सरकार की क्या योजना है और ग्राम प्रधान स्तर पर जो भ्रष्टाचार और भेदभाव होता है इस दौर में इसकी सबसे बड़ी मार गरीब तबके पर ही पड़ेगी. क्या सरकार ने इसको लेकर कोई ठोस कदम उटाह है।
सातवां सवाल – दिहाड़ी मजदूरों पर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर पड़ा है. क्या सरकार के पास ऐसे लोगों का कोई ठोस आंकड़ा है और इनके परिवार की रोजी-रोटी पर कोई असर न पड़े क्या सरकार ने अभी तक कोई प्लान बनाया है।
आठवां सवाल – IMF भी कह चुका है कि दुनिया इस समय मंदी की चपेट में आ चुकी है. इस हालात में अगले 6 महीनों तक के लिए भारत सरकार की क्या तैयारी है ताकि लोगों को नौकरियां सुरक्षित रह सके, क्योंकि अभी तक आरबीआई ने जीडीपी के आंकड़े जारी नहीं किए हैं और इस बीमारी का असर इस पर पड़ना तय है. पीएम मोदी की देश की आर्थिक स्थिति को लेकर क्या रणनीति है इसपर अगर कोई ठोस आश्वासन देते तो लोगों का विश्वास और मजबूत होता।
देश की जनता प्रधानमंत्री मोदी जी से ये उम्मीद करती कि अब जब भी प्रधानमंत्री जनता को सम्भोधित करे तो इन पूछे गए सवालों का उत्तर जरूर दे ताकि जनता आश्वस्त हो सके।