बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बुधवार को यहां कहा कि उनके देश और ताइवान का हरहाल में एकीकरण होगा। इसके साथ ही चीन ने फिर से एक होने के ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने के लिए दोनों प्रतिद्वंद्वियों के साथ मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
द स्ट्रैट टाइम्स के मुताबिक, मैसेज टू कम्पैट्रियट्स इन ताइवान की 40वीं वर्षगांठ पर बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में सभा को संबोधित करते हुए शी ने कहा, ताइवान-चीन संबंधों के विकास के 70 वर्षों का यह एक ऐतिहासिक निष्कर्ष है और यह नए युग में चीन के महान कायाकल्प के लिए बहुत जरूरी है।
यह मैसेज एक नीति दस्तावेज है, जिसे चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस द्वारा एक जनवरी, 1979 को जारी किया गया था। वाशिंगटन के ताइवान के साथ संबंध तोड़ने के बाद इसी दिन चीन और अमेरिका ने औपचारिक रूप से संबंध स्थापित किए थे।
शी ने अपने भाषण में ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन के समर्थकों सहित ताइवान की स्वतंत्रता की वकालत करने वालों को चेतावनी दी।
साई ने चीन से मिल रही लगातार धमकियों के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने 1992 में ताइवान और चीन के बीच एक चीन सहमति पर पहुंच की पुष्टि से इंकार कर दिया था।
शी ने कहा, यह एक वैध तथ्य है कि जलडमरूमध्य के दोनों पक्ष एक चीन से ताल्लुक रखते हैं और इसे कोई भी व्यक्ति या कोई भी ताकत बदल नहीं सकती।
उन्होंने कहा, बीजिंग शांतिपूर्ण एकीकरण में किसी बाहरी ताकत और ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थक अलगाववादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सभी जरूरी कदम उठाने का विकल्प रखता है।