कंपनी के यात्री वाणिज्यिक वाहनों के प्रोडक्ट लाइन प्रमुख रोहित श्रीवास्तव ने कहा, कई शहरों द्वारा द्वारा ई-बसों की निविदा प्रक्रिया शुरू की जा रही है। हम उनमें भाग ले रहे हैं। हमें उम्मीद है कि मांग (इलेक्ट्रिक बसों की) बढ़ेगी। अब तक हमने 1,000 बसों की बोलियों में भाग लिया है, जिसकी निविदा विभिन्न एसटीयूज द्वारा जारी की गई थी। इसमें से हम कितनी जीतेंगे, हमें पता नहीं है।
कंपनी सभी राज्यों के साथ चर्चा में जुटी है और उसे विश्वास है कि बलों के विद्युतीकरण को बढ़ावा मिलेगा। वाहन निर्माता इसके अलावा कंपनियों के संपर्क में भी है, क्योंकि इस खंड की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार द्वारा घोषित एफएएमई (फास्टर एडॉप्शन एंड मैनुफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक) वाहन योजना के पहले चरण में कंपनी ने 60 फीसदी ऑर्डर्स हासिल किए। उसे छह राज्यों की एसटीयूज – डब्ल्यूबीटीसी (पश्चिम बंगाल), एलसीएसटीएल (लखनऊ), एआईसीटीएसएल (इंदौर), एएसटीसी (गुवाहाटी), जेएंडकेएसआरटीसी (जम्मू) और जेएसटीएसएल (जयपुर) से 255 ईबसों की आपूर्ति का निविदा प्राप्त हुआ है।
इसमें कोलकाता से सबसे ज्यादा 80 बसों का आर्डर मिला है, जबकि जम्मू और कश्मीर, इंदौर, लखनऊ, जयपुर से 40-40 बसों का और गुवाहाटी और असम से 15-15 बसों का ऑर्डर मिला है।
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