अमरावती :आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को आरोप लगाया कि तेलंगाना सरकार ने वाईएसआर कांग्रेस के साथ गहरी साजिश रचकर तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) का डेटा चुरा लिया है।
तेदेपा प्रमुख ने कहा कि साजिश का मकसद राज्य को अस्थिर करना और तेदेपा को तबाह करना है।
एक संवाददाता सम्मेलन में नायडू ने साजिश के सबूत के रूप में कुछ दस्तावेज दिखाए। उन्होंने दावा किया कि इस सबकी शुरुआत 19 फरवरी को हुई, जब वाईएसआर कांग्रेस के नेता विजय साईं रेड्डी ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर तेदेपा पर व्यक्तियों के डिजिटल डेटा तक अवैध पहुंच का आरोप लगाया था।
नायडू ने कहा कि 22 फरवरी को वाईएसआर कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग को एक ज्ञापन सौंपा और अगले ही दिन हैदराबाद में पुलिस ने आईग्रिड पर छापा मारा। यह कंपनी तेदेपा को आईटी सेवा मुहैया कराती है।
नायडू ने कहा, पुलिस की कार्रवाई गैरकानूनी थी, क्योंकि यह छापेमारी बिना किसी शिकायत के हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस डेटा को तेदेपा ने बीते दो दशकों में तैयार किया था, जिसे पुलिस ने ले जाकर वाईएसआर कांग्रेस को दे दिया।
तेदेपा प्रमुख ने कहा कि तेलंगाना पुलिस ने आईटी ग्रिड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी. अशोक और चार अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की। उन्होंने कहा, दो मार्च की मध्यरात्रि को शिकायत दर्ज हुई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार और वाईएसआर कांग्रेस रंगे हाथ पकड़ी गई है।
मामला दर्ज कराने के बाद उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोप लगाया कि कंपनी ने आंध्र प्रदेश के लोगों के डेटा तक पहुंच बनाई है।
नायडू ने कहा, कार्रवाई की शक्ति आपको किसने दी? हमारे पास भी संप्रभु शक्तियां हैं। तेलंगाना के मुख्य सचिव ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव से संपर्क किया और इस मुद्दे को उनके ध्यान में लाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेदेपा के डेटा चोरी ने पार्टी को ऐसे समय पर दिक्कत में डाल दिया है, जब चुनाव सिर पर हैं और पार्टी अपने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में है।
नायडू ने कहा कि साजिश के तहत वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस और भाजपा राज्यपाल से शिकायत करने में लगी हुई हैं।
तेदेपा नेता ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को तेदेपा के डेटा चुराने और झूठे मामले दर्ज करवाने के लिए कीमत चुकाने की धमकी दी।
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