हैदराबाद : तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने राज्य में ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों में सभी जिला स्तरीय निकायों पर बहुमत हासिल करते हुए बाजी मार ली।
मंडल परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (एमपीटीसीज) और जिला परिषद प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (जेडपीटीसीज) की मंगलवार को मतगणना में टीआरएस अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से बहुत आगे रही।
टीआरएस सभी 32 जिलों में पिछले महीने तीन चरणों में हुए चुनावों में जिला निकायों में सत्ता पर काबिज होने की ओर अग्रसर थी।
आधी रात को उपलब्ध परिणामों के अनुसार, जेडपीटीसी की कुल 534 सीटों में से टीआरएस को 372 सीटें मिलीं और उसकी प्रमुख विपक्षी कांग्रेस ने 53 सीटों पर जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सिर्फ छह सीटों पर जीत मिली। चुनाव में चार निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत के अलावा वाम दलों को भी एक सीट पर जीत मिली।
टीआरएस ने जेडपीटीसी चुनावों में चार जिलों में क्लीन स्वीप कर दिया और अन्य जिलों में बहुमत के साथ जीत दर्ज की।
टीआरएस ने एमपीटीसी चुनावों में भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। एमपीटीसी की 5,8,16 सीटों में टीआरएस को 3,556 सीटें मिलीं जबकि कांग्रेस को 1,377 सीटें मिलीं। भाजपा को 211, वाम दलों को 78 और तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) को 21 सीटों पर जीत मिली। इसके अलावा अन्य ने 572 सीटों पर जीत दर्ज की।
हालांकि टीआरएस को मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव द्वारा गोद लिए गए गांव तथा उनकी बेटी के. कविता के खुद के गांव में हार का सामना करना पड़ा।
टीआरएस उम्मीदवार को करीमनगर जिला के चिन्ना मुल्कानूर गांव में हार मिली जिसे चंद्रशेखर राव ने 2016 में गोद लिया था।
निजामाबाद जिले में भी, चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता के गांव पोथांगल में टीआरएस को हार मिली। लोकसभा चुनाव में निजामाबाद सीट से हारने वाली कविता के लिए ये एक और झटका है।
कविता का वोट उनके ससुराल के गांव पोथांगल में है। एमपीटीसी चुनाव में टीआरएस उम्मीदवार अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी से हार गया।
एमपीटीसी चुनाव में निर्वाचित व्यक्ति मंडल परिषद के अध्यक्षों को चुनेंगे, वहीं जेडपीटीसी में निर्वाचित लोग जिला परिषद अध्यक्षों को चुनेंगे। मंडल परिषद के अध्यक्षों के चुनाव सात जून को तथा जिला परिषद के अध्यक्षों के चुनाव आठ जून को होंगे।