लखनऊ : यह मेरा देश, मेरा वतन, यह मेरा घर, मेरा चमन, सबका विकास चाहता हूं, चाहता हूं अमन, हां मैं भी चौकीदार हूं गाने में तिरंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृश्य को साथ-साथ रखा गया है।
इस पांच मिनट की डॉक्यूमेंट्री में उज्जवला जैसी सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री में सीमा सुरक्षा और एक नए भारत की भी बात की गई है।
मैं भी चौकीदार फिल्मों की संख्या दस से अधिक है और यह अब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रचार अभियान का हिस्सा बन चुकी हैं।
इन फिल्मों को मुख्य रूप से भाजपा ने तैयार किया है लेकिन इसको बनाने में कुछ उम्मीदवारों का भी हाथ है।
चुनाव स्मृति चिन्हों को बनाने और बेचने वाले आर.के. अग्रवाल ने कहा, पूर्वी उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रहे कुछ उम्मीदवारों को भोजपुरी भाषा में बनी कई प्रचार फिल्में मिली हैं और उन्हें व्हाट्स ऐप पर भेजा जा रहा है। आपके फोन पर उपलब्ध तकनीक के बाद अब इन फिल्मों को एलईडी स्क्रीन पर दिखाने की कोई जरूरत नहीं है।
अग्रवाल ने कहा कि अधिकतर दृश्य भाजपा की आधिकारिक प्रचार फिल्मों से लिए गए हैं जबकि कुछ को इंटरनेट से लिया गया है।
उन्होंने कहा, इन फिल्मों की लागत तीन से 15 लाख रुपये है, यह गुणवत्ता और उत्पादन लागत पर निर्भर करता है।
जौनपुर से भाजपा सांसद के.पी. सिंह ने कहा कि वह भोजपुरी की लघु फिल्मों के साथ अपना प्रचार पहले ही शुरू कर चुके हैं। सिंह को अभी तक टिकट भी नहीं मिला है।
उन्होंने कहा, ये फिल्में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हो गई हैं और बच्चों को मैं भी चौकीदार गाते हुए सुना जा सकता है, जिससे पता चलता है कि पार्टी और अभियान की प्रसिद्धि कितनी है। यह गीत स्थानीय परिवहन तक में बज रहा है।
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