प्रदीप शर्मा
महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ गुरुवार शाम को लेंगे. उनके साथ हर पार्टी से 2-2 कुल छह मंत्री भी शपथ ले सकते हैं. इन मंत्रियों में शिवसेना के एकनाथ शिंदे और सुभाषा देसाई, एनसीपी के जयंत पाटिल और छग्गन भुजबल और कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण हो सकते हैं. वहीं, एनसीपी सूत्रों का कहना है कि अजित पवार डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं, लेकिन वे आज शखथ नहीं लेंगे. अजित पवार को अपनी पार्टी के नेता जयंत पाटिल से टक्कर मिल सकती है, जयंत पाटिल को उनके जगह एनसीपी विधायक दल का नेता बनाया गया था. कांग्रेस को स्पीकर का पद दिया गया है, जिसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के नाम पर चर्चा चल रही है।
महाराष्ट्र के 43 मंत्रियों में एनसीपी को 16, शिवसेना को 15 और कांग्रेस को 12 मंत्री पद मिल सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि अभी मंत्रालय के बंटवारे को लेकर फैसला होना बाकी है. कांग्रेस को स्पीकर पद मिलने के बाद कथित तौर पर एनसीपी अतिरिक्त मंत्रालय की मांग कर सकती है।
महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस नया प्रयोग करने जा रही है. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई में बनने जा रहे सरकार में हिंदुत्व जैसे मुद्दे की कोई जगह नहीं होगी बल्कि इसकी जगह किसान, महिलाएं और युवाओं को रोजगार देने जैसे मुद्दे अहम होंगे. एक ऐसा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया गया है, जिसमें विवाद वाले मुद्दों को बाहर रखने की कोशिश की गई है, ताकि सरकार पर कोई आंच ना आए. तीनों दलों ने मिलकर न्यूनतम साझा कर्यक्रम बनाया है. जिसके तहत किसानों की खराब हालत, बेरोजगारी, नौजवानो के लिये काम और उधोग धंधों की खस्ता हालत को पटरी पर लाना खास है।
एनसीपी सांसद माजिद मेनन ने कहा कि हिन्दुत्व की कोई जगह नहीं है हम जमीनी स्तर पर काम करेंगे और राज्य को आगे ले जायेगे। कांग्रेस और एनसीपी दोनों का मानना है कि शिवसेना के हिदुत्व से उन्हें फिलहाल उतना खतरा नहीं, जितना की बीजेपी के हिंदुत्व से है. वैसे भी महाराष्ट्र में सरकार साझा कार्यक्रम से ही चलेगी ना कि किसी दल के विचारधारा से।