प्रदीप शर्मा
महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत परीक्षण पास करने के बाद सीएम उद्धव ठाकरे ने अपने ही अंदाज में विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। 30 सालों तक सहयोगी पार्टी रही बीजेपी के वॉकआउट पर तंज कसते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं अब तक मैदान में लड़ने वाला आदमी रहा हूं, लेकिन यहां जो व्यवहार देखा, उससे लगा कि मैदान ही सही था। उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार का समर्थन करने के लिए मैं विधायकों का आभार व्यक्त करता हूं।
बीजेपी की ओर से मंत्रियों की शपथ को गलत करार देने और संविधान के नाम की शपथ न लिए जाने के आरोप पर भी उद्धव ठाकरे ने हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमारा कोई विरोध नहीं है। हमने यदि सभी महापुरुषों का नाम लेकर शपथ ली तो आखिर क्या गलत है। मैं बार-बार इस तरह से शपथ लूंगा। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज या बाबा साहेब आंबेडकर के नाम की शपथ लेना गलत है।
बीजेपी पर हमला बोलते हुए उद्धव ने कहा कि मतभेद सभी के होते हैं, लेकिन यहां गलत तरीके से मतभेद रखने की बात हुई। नए सीएम ने कहा, ‘यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। क्रांतिकारी, समाज सुधारकों और साधुओं का यह महाराष्ट्र है। जिनकी शपथ लेकर हमने यह काम संभाला है, उन्हें हमारे कार्यों पर गौरव हो, हमें इस तरह से काम करना है।’
बहुमत परीक्षण से पहले सदन में काफी हंगामा हुआ. बीजेपी नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा सत्र का आयोजन संवैधानिक मानदंडों के तहत नहीं है. उन्होंने प्रोटेम स्पीकर को भी बदलने पर सवाल उठाए और कहा कि बिना स्पीकर विश्वास मत नहीं होता है. उन्होंने कहा कि भारत में कार्यवाहक अध्यक्ष को कभी नहीं बदला गया तो भाजपा के कोलम्बकर को पद से क्यों हटाया गया. यह निममों के विपरीत है।
हालांकि कार्यवाहक विधानसभा अध्यक्ष दीलिप वाल्से पाटिल ने फडणवीस के दावों को खारिज करते हुए कहा राज्यपाल की अनुमति के बाद सत्र का आयोजन किया गया है. इस दौरान सदन में ‘दादागीरी नहीं चलेगी’ के नारे भी लगे. हंगामे के बीच बीजेपी ने सदन से वॉक आउट कर दिया और फडणवीस समेत पार्टी के विधायक सदन से बाहर चले गए. इसके बाद विश्वास मत की प्रक्रिया पूरी की गई. बता दें कि 288 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के कुल 154 विधायक हैं. ऐसे में ठाकरे सरकार को कुछ निर्दलीय विधायकों और बहुजन विकास अघाड़ी के विधायकों का भी साथ मिला है।