प्रदीप शर्मा
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी नोटिस वापस ले लिए गए हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की वसूली के लिए यूपी प्रशासन द्वारा जारी किए गए वसूली नोटिस को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “राज्य सरकार ने नुकसान की वसूली के लिए नोटिस वापस ले लिया है.” अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न जिलों में रिकवरी क्लेम ट्रिब्यूनल की अगुवाई करने वाले अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) ने नुकसान की वसूली के लिए 274 नोटिस जारी किए थे. लखनऊ में प्रदर्शनकारियों को 95 नोटिस जारी की गई थी। इससे पहले 11 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।
बीती सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में जज जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जज जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने राज्य सरकार के वकील से पूछा था- “आप शिकायतकर्ता, गवाह, आप वादी बन गए हैं. और फिर आप लोगों की संपत्तियां कुर्क करते हैं.। क्या किसी कानून के तहत इसकी अनुमति है?”
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि 833 लोगों के खिलाफ 106 FIR दर्ज की गईं और उनके खिलाफ 274 वसूली नोटिस जारी किए गए. राज्य सरकार ने बताया था कि ‘274 नोटिस में से, 236 में वसूली के आदेश पारित किए गए थे, जबकि 38 मामले बंद कर दिए गए थे.’
साल 2020 में अधिसूचित नए कानून के तहत, दावा न्यायाधिकरण का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश कर रहे हैं और पहले इसकी अध्यक्षता अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) करते थे।