देहरादून : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों को नजरअंदाज करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कई सरकारी निगमों और निकायों में आचार संहिता लागू होने से पहले भाजपा के 19 नेताओं की शीर्ष पदों पर नियुक्ति की है।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा गुरुवार को जारी की गई सूची के अनुसार राज्य के दो शीर्ष नेताओं बलराज पस्सी और ज्योति प्रसाद गैरोला को कैबिनेट रैंक का पद दिया गया है।
बाकी 17 नेताओं को राज्य मंत्री स्तर का पद दिया गया है। पिछले वर्ष ऐसे ही 14 पद पार्टी नेताओं को दिए गए थे।
सूची जारी होने के बाद पार्टी के विधायक सकते में हैं, इनमें से कम से कम 45 को राज्य कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।
यहां राज्य विधानसभा की 70 सीटों में से भाजपा के पास 57 सीटें हैं, जिसमें से 10 मंत्रिपरिषद में शामिल हैं।
राज्य भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने आश्वस्त किया है कि ऐसी ही एक और सूची कुछ दिनों में निकाली जाएगी।
भट्ट ने कहा, या तो अभी या फिर चुनाव के बाद, आप ऐसी ही एक और सूची को देख सकते हैं।
भट्ट ने यह भी कहा कि ऐसे पदों पर पार्टी के विधायकों की नियुक्ति के मामले पर जल्द ही चर्चा होगी।
पहले, जिन विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं दी गई थी, उन्हें संसदीय सचिव बनाकर संतुष्ट किया गया था। सरकारी विभाग से जुड़े इस पोस्ट में कुछ उपाधियों के साथ राज्य मंत्री का दर्जा दिया जाता है।
हालांकि कुछ राज्यों में विधायकों को संसदीय सचिव बनाने के मामले में कानूनी अड़चनों की वजह से, उत्तराखंड सरकार ने अपने विधायकों की इन पदों पर नियुक्ति नहीं की।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, 47 विधायक हैं, जिन्हें अभी तक कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। पद कुछ ही हैं, इसलिए हम सबको खुश नहीं कर सकते।