वाराणसी : वाराणसी में फिर से बनाया गया मंडुआडीह रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय स्वरूप दिया गया है। इसे एक स्वांक कॉर्पोरेट कार्यालय या एक हवाईअड्डे का टर्मिनल समझ कर कोई भी आसानी से धोका खा सकता है।
बनारस और काशी के नामों से चर्चित वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।
न केवल स्टेशन निर्माण, बल्कि इसके सभी विभिन्न यात्री-अनुकूल सुविधाएं भी रेलवे स्टेशन को अलग बनाती हैं।
भारतीय रेलवे द्वारा दी गई नई सुविधाओं में एलईडी लाइट्स, एक वातानुकूलित वेटिंग लाउंज और स्टेनलेस स्टील बेंच शामिल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार ने संशोधित मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रेलवे स्टेशन रखने की योजना बनाई है।
फव्वारे उन क्षेत्रों को सुशोभित करने के लिए स्थापित किए गए हैं, जिनके पास एक विशाल प्रतीक्षा क्षेत्र, परिसंचारी क्षेत्र, बुकिंग/आरक्षण कार्यालय, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट, वेटिंग रूम और बहुत कुछ है।
स्टेशन में एसी और नॉन-एसी रिटायरिंग रूम के साथ-साथ डॉर्मिटरी भी हैं। स्टेशन परिसर में वास्तुकला काशी की भावना को दर्शाता है। प्लेटफार्म एलईडी लाइट्स और एलसीडी डिस्प्ले पैनल के साथ साफ और चमक रहे हैं।
परिसर अच्छी तरह से एलईडी रोशनी के साथ जलाया जाता है और इसकी सफाई का खासतौर पर ध्यान रखा जाता है।
यह स्टेशन न केवल यात्रियों को विश्वस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय मानक सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि यह वाराणसी के नागरिकों को रोजगार भी देगा।
मंडुआडीह रेलवे स्टेशन में आठ प्लेटफार्म हैं और वर्तमान में आठ ट्रेनें इस स्टेशन से गुजरती हैं।