नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू पांच मार्च से लेकर नौ मार्च के बीच पराग्वे और कोस्टा रिका के दौरे पर होंगे। भारत की ओर से दोनों देशों की यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
उनके साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी होगा, जिसमें पर्यटन मंत्री के.जे. अल्फोंस, सांसद और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस यात्रा का उद्देश्य दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र में भारत की पहुंच बढ़ाना, द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाना और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, अंतरिक्ष, दोनों देशों के लोगों के बीच जुड़ाव, हाइडेल सहित अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना है।
यहां जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत और पराग्वे के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले 10 वर्षों में लगभग दस गुना बढ़ गया है। यह 2008-09 के चार करोड़ डॉलर के मुकाबले 2017-18 में बढ़कर 33.4 करोड़ डॉलर हो गया है।
पराग्वे में नायडू राष्ट्रपति मारियो अब्दो बेनिटेज, उपराष्ट्रपति ह्यूगो वेलजकेज और नेशनल कांग्रेस (सीनेट) के अध्यक्ष सिल्वियो ओवेलर से मिलेंगे।
वह भारत-पराग्वे बिजनेस फोरम को भी संबोधित करेंगे और भारतीय प्रवासियों से भी बातचीत करेंगे।
कोस्टा रिका में नायडू राष्ट्रपति कार्लोस अल्वारादो कुसाडा, पहली उपराष्ट्रपति एप्सी कैंपबेल बर और कांग्रेस की अध्यक्ष कैरोलिना हिडाल्गो हरेरा से मुलाकात करेंगे।
वह संयुक्त राष्ट्र के यूनिवर्सिटी फॉर पीस और भारत-कोस्टा रिका बिजनेस फोरम को भी संबोधित करेंगे और भारतीय समुदाय से मिलेंगे।
भारत और कोस्टा रिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 20 करोड़ डॉलर का है। भारत से कोस्टा रिका को कुल 13.3 करोड़ डॉलर का निर्यात होता है, जिसमें मुख्य रूप से ऑटोमोबाइल और फार्मा शामिल हैं।
कोस्टा रिका अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल हो गया है, ताकि 2021 तक कार्बन-तटस्थ देश बन सके।