प्रदीप शर्मा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि चीन द्वारा लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारी सुरक्षा बलों की तैनाती न करने के लिखित समझौतों की अवहेलना के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई. जब एक बड़ा देश लिखित प्रतिबद्धताओं की अवहेलना करता है, तो यह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है।
चीन ने शुक्रवार को कहा कि उसे आगे बढ़ने से रोकने के लिए क्वाड गठबंधन एक ‘‘उपकरण” की तरह है और यह टकराव को तेज करने के लिए ‘‘जानबूझकर उठाया गया कदम” है जो सफल नहीं होगा. क्वाड विदेश मंत्रियों के ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में वार्ता शुरू करने संबंधी एक सवाल का जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चीन का मानना है कि क्वाड तंत्र केवल उसे नियंत्रित करने का एक उपकरण है.” उन्होंने कहा, ‘‘यह टकराव को भड़काने और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता और सहयोग को कमजोर करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है.”
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीत युद्ध लंबा खिंच गया है और चीन को रोकने के उद्देश्य से गठबंधन बनाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा. ” विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को मेलबर्न में कहा कि रक्षा और सुरक्षा भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के बीच साझेदारी के प्रमुख स्तंभ हैं. उन्होंने क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री पीटर डटन के साथ मुलाकात की. जयशंकर विदेश मंत्री के रूप में ऑस्ट्रेलिया की अपनी पहली यात्रा पर हैं. वह क्वाड बैठक में भाग लेने के अलावा 12 फरवरी को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष मारिस पायने के साथ भारत-ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों के 12वें ‘फ्रेमवर्क डॉयलॉग’ की सह-अध्यक्षता भी कर रहे हैं।