संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों से इस मुद्दे पर आत्मनिरीक्षण करने के लिए कहा है कि सात दशकों में महासभा में अध्यक्ष पद के लिए अबतक सिर्फ चार महिलाएं ही क्यों चुनी गई हैं।
भारतीय मिशन में काउंसलर अंजनी कुमार ने कहा कि विजया लक्ष्मी पंडित 1953 में महासभा की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला रहीं और यह संतोष की बात है कि अब एक और महिला नमारिया फर्नाडा एस्पिनोसा गार्सिस यहां हैं।
उन्होंने कहा, हालांकि, हमें इस तथ्य को परिलक्षित करने की आवश्यकता है कि संयुक्त राष्ट्र के 73 वर्षो में महज चार महिलाएं महासभा की अध्यक्ष रही हैं।
उन्होंने महासभा के पुनर्जीवन को लेकर हुई कार्यसमूह की बैठक में यह बात कही। पंडित और एस्पिनोसा की अध्यक्षता के 65 वर्षो के बीच इस पद पर निवार्चित होने वालीं दो और महिलाएं लाइबेरिया की एंजी ब्रुक्स (1969) और बहरीन की हया राशिद अल खलीफा (2006) रही हैं।
हालांकि अभी तक महासचिव के पद पर कोई भी महिला काबिज नहीं हुई है। कुमार ने कहा कि हालांकि अध्यक्ष का कार्यभार बढ़ा है, जैसा कि महासभा ने अपने कार्यक्रम बढ़ाए हैं तो जो संसाधन कार्यालय को मुहैया कराए गए हैं, वे इसके साथ कदमताल नहीं बनाए रख सके हैं।
उन्होंने कहा, भारत इसलिए, पीजीए (प्रेसीडेंट ऑफ जनरल असेंबली) के कार्यालय को आवश्यक संस्थागत और सचिव सहायता प्रदान करने के विचार का समर्थन करता है, ताकि विभिन्न बातचीत और संवाद की प्रगति और परिणामों को ध्यान में रखते हुए प्रलेखन और रिकॉर्ड सुनिश्चित किया जा सके।