प्रदीप शर्मा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय योजना को लागू करने की मांग की. राहुल गांधी ने कहा मां और बच्चों का उदाहरण देते हुए कहा कि जब बच्चों को चोट लगती है तो मां बच्चे को कर्ज नहीं देती है,वो एकदम मदद करती है. भारत माता को अपने बच्चों के लिए साहूकार का काम नहीं करना चाहिए,उसे बच्चों को एकदम पैसा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो प्रवासी मजदूर सड़क पर चल रहा है उसे कर्ज की नहीं जेब में पैसे की जरूरत है. राहुल गांधी ने कहा कि पूरा देश इस समय एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है. लोगों को आज पैसे की जरूरत है. ऐसे में सरकार को साहूकार के जैसे काम नहीं करना चाहिए।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैंने सुना है कि पैसे न देने का कारण रेटिंग है, अगर आज हमने थोड़ा घाटा बढ़ा दिया तो बाहर की एजेंसियां भारत की रेटिंग कम कर देंगी और हमारा नुकसान होगा. मैं प्रधानमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि हमारी रेटिंग किसान,मजदूर बनाते हैं. आज उन्हें हमारी जरूरत है,रेटिंग के बारे में मत सोचिए. हिन्दुस्तान की रेटिंग हिन्दुस्तान के लोगों से है।
राहुल गांधी ने कहा कि पैकेज में कर्ज की बात की गई है लेकिन इससे मांग शुरू नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को पैकेज पर फिर से विचार करना चाहिए, उसमें मांग को शुरू करने के लिए एक सेक्शन डालना चाहिए. पैसा देने की जरूरत है, अगर ऐसा नहीं किया तो बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होगा।
राहुल गांधी ने कहा कि अभी तूफान आया नहीं है, आने वाला है, देश को जबरदस्त आर्थिक नुकसान होने वाला है. इसमें सबको चोट लगेगी. अगर सरकार ने उन्हें पैसा नहीं दिया और मांग तेज नहीं हुई तो आगे बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है. केंद्र के आर्थिक पैकेज में कर्ज की बात तो है लेकिन इससे मांग नहीं बढ़ेगी. प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि पैसा जनता की जेब तक जाए. मेरी मांग है कि सरकार एक बार फिर से इस पैकेज की समीक्षा करे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के लिए सरकार, विपक्ष और मीडिया सभी को मिलकर काम करना चाहिए. प्रभावित सभी लोगों के बैंक अकाउंट में सरकार को सीधे पैसे भेजना चाहिए।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को हमें धीरे-धीरे समझदारी से उठाना होगा. क्योंकि यह हमारे सभी समस्याओं का समाधान नहीं है. हमें बुजुर्गों, बच्चों सभी का ख्याल रखते हुए धीरे-धीरे लॉकडाउन उठाने के बारे में सोचना होगा. जिससे कि किसी को कोई खतरा ना हो।
राहुल ने कहा कि मेरे हिसाब से सरकार को तीन टर्म शॉट, मिड और लॉन्ग टर्म में काम करना चाहिए. शॉर्ट टर्म में डिमांड बढ़ाइए. इसके तहत आप हिंदुस्तान के छोटे और मंझोले व्यापारियों को बचाइए. इन्हें रोजगार दीजिए. आर्थिक मदद कीजिए. स्वास्थ्य के हिसाब से आप उन लोगों का ख्याल रखिए जिन्हें सबसे ज्यादा खतरा है. वहीं मिड टर्म में छोटे और मझोले व्यापार को मदद कीजिए. हिंदुस्तान को 40 प्रतिशत रोजगार इन्हीं लोगों से मिलता है इसलिए इनकी आर्थिक मदद भी करनी चाहिए. बिहार जैसे प्रदेशों में ही रोजगार बढ़ाने पर ही ध्यान दीजिए।
मनरेगा को लेकर राहुल गांधी ने सुझाव देते हुए कहा, ‘दस साल पहले का भारत और आज का हिंदुस्तान दोनों अलग-अलग है. आज बहुत सारे मजदूर शहरों में रहते हैं. इसलिए मेरा विचार है कि गांव में इनकी सुरक्षा के लिए मनरेगा और शहर में Nyay (न्यूनतम आय योजना) योजना होनी चाहिए. जिससे कि इनके बैंक अकाउंट में कुछ पैसा भेजा जा सके. सरकार चाहे तो न्याय योजना को कुछ समय के लिए लागू करके देख सकती है.’
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस वक्त सबसे बड़ी जरूरत डिमांड-सप्लाई को शुरू करने की है. उन्होंने कहा कि आपको गाड़ी चलाने के लिए तेल की जरूरत होती है. जबतक आप कार्बोरेटर में तेल नहीं डालेंगे, गाड़ी स्टार्ट नहीं होगी. मुझे डर है कि जब इंजन शुरू होगा तो कहीं तेल नहीं होने की वजह से गाड़ी ही नहीं चले।