नई दिल्ली : भारत सरकार, हिमाचल प्रदेश सरकार तथा विश्व बैंक ने आज नई दिल्ली में ग्रेटर शिमला एरिया में स्वच्छ और विश्वसनीय पेय जल लाने में मदद देने के लिए 4 करोड़ डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। ग्रेटर शिमला एरिया के लोग गंभीर जल संकट और जल जनित बीमारियों का सामना कर रहे हैं।
शिमला जलापूर्ति तथा सीवर सेवा डिलिवरी सुधार व्याहारिक विकास नीति ऋण से शिमला शहर और आसपास के इलाकों में जलापूर्ति तथा स्वच्छता की स्थिति में सुधार होगा।
इस अवसर पर वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव समीर कुमार खरे ने कहा कि शिमला में शहरीकरण के विस्तार और गर्मी के महीने में पर्यटकों के भारी बोझ के कारण जलापूर्ति और स्वच्छता सेवाओं की मांग बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने यह व्यापक नीति तथा संस्थागत सुधार कार्यक्रम विकसित किए हैं ताकि कारगर तरीके से निरतंर जलापूर्ति तथा सीवरेज सेवाओं में सुधार की प्रणाली बनाई जा सके।
ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से खरे और विश्व बैंक की ओर से भारत में बैंक के निदेशक जुनैद कमाल अहमद ने हस्ताक्षर किए। परियोजना समझौते पर हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना तथा विश्व बैंक की ओर से अहमद ने हस्ताक्षर किए।
शिमला में मौजूदा चार करोड़ लीटर रोजना क्षमता वाली जलापूर्ति की व्यवस्था शहर की 5.6 करोड़ लीटर रोजाना की आवश्यकता को पूरा करने में अक्षम है।