श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर में इस्लामिक इस्टेट (आईएस) की कोई खास मौजूदगी की बात से इनकार करते हुए प्रदेश पुलिस के प्रमुख दिलबाग सिंह ने बुधवार को कहा कि असली समस्या यह है कि युवाओं को आईएस की तर्ज पर कट्टरपंथी बनाया जा रहा है।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा, पहले भी ऐसी घटनाएं होती रही हैं, जब आईएस का झंडा सार्वजनिक रूप से दिखाकर यह दिखाने की कोशिश की गई है कि यहां आईएस की काफी मौजूदगी है।
उन्होंने कहा, हम फिर कहते हैं कि आईएस की उतनी बड़ी मौजूदगी नहीं है, लेकिन इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि लोगों को आईएस की तर्ज पर कट्टरपंथी बनाया जा रहा है।
पुलिस प्रमुख ने कहा, कुछ तत्व युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, कश्मीरी समाज एक खुला और धर्मनिरपेक्ष समाज है।
उन्होंने कहा, विभिन्न स्तरों पर समाज को कट्टरपंथी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं और हमने कुछ दिन पहले जामा मस्जिद में जो गतिविधियां देखी, उनमें उनकी अभिव्यक्ति देखी गई है।
डीजीपी 21 दिसंबर को जामा मस्जिद में नकाबपोश कुछ युवाओं के काले झंडे दिखाए जाने की घटना का जिक्र कर रहे थे।
अधिकारी ने कहा कि 2018 में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही, हालांकि आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान कुछ लोगों को उनकी कीमती जान गंवानी पड़ी।